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प्रखर दैनन्दिनी
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The life of every man is a
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in which he means to write one story, and writes another; and his humblest hour is when he compares the volume as it is with what he vowed to make it
”
James Matthew Barrie
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गाँधी जी जैसा रीयल परसन अपने जन्मदिन पर आपको निष्क्रिय कैसे रहने दे सकता है.. ? जितना पढ़्ता जाता हूँ गाँधी जी को उतना ही प्रभावित होता जा...
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{आजकल खासा व्यस्त हूँ, और शायद आगे भी रहने वाला हूँ. चाहकर भी मित्रों की ब्लॉग-प्रविष्टियाँ पढ़ नहीं पा रहा हूँ. एहसास है कि क्या खो रहा हूँ...
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